नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम जिग्नेश है और मैं गुजरात के एक शहर में रहता हूं.
आज मैं अपनी दूसरी कहानी के साथ हाज़िर हूँ. मेरे बारे में बता दूँ कि मैं पतला और लंबा इंसान हूँ और लंड भी ठीक ठाक है. जैसा कि मैंने अपनी पहली कहानी
पापा के दोस्त की बेटी की कामुकता
में लिखा था कि जब मेरी उम्र 23 या 24 साल के बीच में थी तब जाकर मुझे अपना पहला सेक्स करने को मिला था लेकिन उसके बाद तो मेरे दिमाग में हर वक्त एक ही बात रहती थी कि कैसे चुत का जुगाड़ हो. और एक दिन हो ही गया और वो भी टीचर के साथ.
आज मैं अपनी दूसरी कहानी के साथ हाज़िर हूँ. मेरे बारे में बता दूँ कि मैं पतला और लंबा इंसान हूँ और लंड भी ठीक ठाक है. जैसा कि मैंने अपनी पहली कहानी
पापा के दोस्त की बेटी की कामुकता
में लिखा था कि जब मेरी उम्र 23 या 24 साल के बीच में थी तब जाकर मुझे अपना पहला सेक्स करने को मिला था लेकिन उसके बाद तो मेरे दिमाग में हर वक्त एक ही बात रहती थी कि कैसे चुत का जुगाड़ हो. और एक दिन हो ही गया और वो भी टीचर के साथ.
हुआ यूं कि मुझे एक जगह अच्छी जॉब मिल रही थी तो मैंने वहाँ मेरे डॉक्यूमेंट भेजने थे. बाकी सब डॉक्यूमेंट ठीक थे पर मेरा स्कूल का सर्टिफिकेट था उसमें नाम के स्पेलिंग में मिस्टेक था तो मुझे वो ठीक करवाने के लिए अपने स्कूल जाना पड़ा.
जब मैं स्कूल पहुँचा तब तक सुबह का स्कूल खत्म हो चुका था, काफी टीचर अपने घर चले गए थे.
जब मैं स्कूल पहुँचा तब तक सुबह का स्कूल खत्म हो चुका था, काफी टीचर अपने घर चले गए थे.
वहां एक सर थे, मैंने उनसे पूछा कि मेरा काम कौन कर देगा?
तो उन्होंने बताया कि ऊपर के आफिस में ज्योति टीचर है, उनसे मिलो.
तो उन्होंने बताया कि ऊपर के आफिस में ज्योति टीचर है, उनसे मिलो.
मैं ऊपर चला आया. आफिस में देखा कि तीन लेडीज़ टीचर गप्पें लगा रही हैं, तो मुझे पता नहीं चला कि इनमें से ज्योति कौन है. तो मैंने पूछा और उनमें से एक ने बताया कि वही ज्योति है.
अब मैं वो टीचर के बारे में बता दूँ … उनकी उम्र 40 साल के आस पास होगी और उनके बूब्स का साइज 34 या 35 के आसपास होगा और गांड भी 40 की होगी मतलब कुल मिलाकर चोदने लायक थी. चेहरा मोहरा भी ठीक था.
अब मैं वो टीचर के बारे में बता दूँ … उनकी उम्र 40 साल के आस पास होगी और उनके बूब्स का साइज 34 या 35 के आसपास होगा और गांड भी 40 की होगी मतलब कुल मिलाकर चोदने लायक थी. चेहरा मोहरा भी ठीक था.
अब मैं उनके ऑफिस मैं घुस चुका था और मैंने उन्हें बताया कि मेरे स्कूल सर्टिफिकेट में स्पेलिंग मिस्टेक है, वो बदलवाना है.
उन्होंने कहा- ठीक है, पर 15 मिनट रुकना पड़ेगा.
उसके बाद वो दो टीचर भी घर जाने के लिए निकल गई.
उन्होंने कहा- ठीक है, पर 15 मिनट रुकना पड़ेगा.
उसके बाद वो दो टीचर भी घर जाने के लिए निकल गई.
अब ऊपर के ऑफिस में सिर्फ हम दोनों ही थे ज्योति टीचर और मैं … उस दिन उन्होंने पिंक साड़ी और ब्लैक ब्लाउज साथ में शायद ब्लैक ही ब्रा पहनी थी. अब मैं वेट करने लगा और मोबाइल निकाल कर चेक करने लगा.
मुझे मोबाइल चलाते हुए देखकर वो बोलने लगी- आजकल के लड़के भी जब देखो तब मोबाइल में पता नहीं क्या देखते रहते हैं.
मैंने कहा- मैं तो मेसेज चेक कर रहा हूँ, कुछ देख नहीं रहा.
उस पर उन्होंने कहा- अगर कुछ देखने लायक है तो मुझे भी दिखाओ?
मुझे मोबाइल चलाते हुए देखकर वो बोलने लगी- आजकल के लड़के भी जब देखो तब मोबाइल में पता नहीं क्या देखते रहते हैं.
मैंने कहा- मैं तो मेसेज चेक कर रहा हूँ, कुछ देख नहीं रहा.
उस पर उन्होंने कहा- अगर कुछ देखने लायक है तो मुझे भी दिखाओ?
अब मेरे दिमाग की बत्ती जल उठी थी कि टीचर क्या देखना चाहती है. पर मैंने जवाब देते हुए और लंड पर हाथ घुमाते हुए कहा- नहीं, मेरे पास तो कुछ है नहीं … लेकिन आप मुझे कुछ दिखा सकती हैं क्या?
तब वो भी समझ गई कि मेरा इरादा क्या है पर उसने कुछ कहा नहीं.
तब वो भी समझ गई कि मेरा इरादा क्या है पर उसने कुछ कहा नहीं.
थोड़ी देर बाद उसने पूछा- क्या देखोगे आप?
मैंने भी कह दिया- मैडम, जो आप दिखायें!
उसने वासना भारी मुस्कान के साथ कहा- खुद आकर देख लो.
मैंने भी कह दिया- मैडम, जो आप दिखायें!
उसने वासना भारी मुस्कान के साथ कहा- खुद आकर देख लो.
उसके इतना कहते ही मैं तो पागल हो गया और उनके करीब चला गया और उनका ब्लाउज़ खोलने लगा लेकिन उन्होंने रोक लिया और कहा- कोई आ जायेगा.
मैंने कहा- लेकिन मैं देखूंगा कैसे?
तब मैडम ने अपने ब्लाउज के नीचे के दो हुक खोल दिये और ब्रा ऊपर कर ली और दोनों चुचे बाहर निकाल दिए. मैं झट से उनके पैर के पास घुटनों के बल बैठ गया और वो कुर्सी पर बैठी रही. अब मैंने अपना काम चालू कर दिया, मैं उनके चुचे दबाने लगा और उनका ध्यान दरवाजे पर था.
मैंने कहा- लेकिन मैं देखूंगा कैसे?
तब मैडम ने अपने ब्लाउज के नीचे के दो हुक खोल दिये और ब्रा ऊपर कर ली और दोनों चुचे बाहर निकाल दिए. मैं झट से उनके पैर के पास घुटनों के बल बैठ गया और वो कुर्सी पर बैठी रही. अब मैंने अपना काम चालू कर दिया, मैं उनके चुचे दबाने लगा और उनका ध्यान दरवाजे पर था.
मैडम 40 की थी पर चुचे एकदम कड़क थे. अब मैंने चुचे मुँह में ले लिए और एक हाथ से उनके पेट को सहलाने लगा. वो भी अब मस्त हो रही थी, मेरा सिर पकड़कर अपने चुचे पर दबाव डाल रही थी.
थोड़ी देर चुचे चूसने के बाद मैं खड़ा हो गया और कहा- मैम, अब अपनी चुत दिखाओ.
उसने कहा- तुम दरवाजे पे खड़े रहो!
और उसने खुद खड़ी होकर साड़ी ऊपर करके अपनी पैंटी निकाल दी. उसने गुलाबी रंग की पेंटी पहनी थी. पेंटी उसने अपने पर्स में डाल ली और वापिस कुर्सी पर बैठ गई.
थोड़ी देर चुचे चूसने के बाद मैं खड़ा हो गया और कहा- मैम, अब अपनी चुत दिखाओ.
उसने कहा- तुम दरवाजे पे खड़े रहो!
और उसने खुद खड़ी होकर साड़ी ऊपर करके अपनी पैंटी निकाल दी. उसने गुलाबी रंग की पेंटी पहनी थी. पेंटी उसने अपने पर्स में डाल ली और वापिस कुर्सी पर बैठ गई.
मैंने तुरंत उनके पास जाकर वापिस घुटनों के बल बैठकर उनकी साड़ी ऊपर कर दी और उनकी चुत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा. मैम की चुत थोड़ी ढीली थी लेकिन मैंने अपना काम चालू रखा. अब मैं उनकी चुत चाटने लगा था और मैं एक बार पैन्ट में झड़ भी चुका था. वो भी कुर्सी में बैठे बैठे अपनी गांड ऊपर नीचे कर रही थी. मैंने अपनी जीभ जितनी अंदर जा सके उतनी डाल दी और चुत का स्वाद लेने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने कहा- अब बस … कोई आ जाएगा!
ऐसा कहकर उसने मेरा मुँह अपनी चुत से अलग करके अपनी साड़ी नीचे कर ली. लेकिन मुझे तो अब नशा चढ़ गया था तो मैंने खड़े होकर अपनी आधी पैन्ट और अंडरवीयर सरका कर लंड उसके सामने रख दिया.
मैंने कहा- चूसो इसे!
इस पर वो बोली- ठीक है, लेकिन ज़्यादा नहीं!
मैंने कहा- हाँ!
ऐसा कहकर उसने मेरा मुँह अपनी चुत से अलग करके अपनी साड़ी नीचे कर ली. लेकिन मुझे तो अब नशा चढ़ गया था तो मैंने खड़े होकर अपनी आधी पैन्ट और अंडरवीयर सरका कर लंड उसके सामने रख दिया.
मैंने कहा- चूसो इसे!
इस पर वो बोली- ठीक है, लेकिन ज़्यादा नहीं!
मैंने कहा- हाँ!
और उसने मेरे लंड का चिकनापन अपनी साड़ी से साफ किया और मुँह में लेने लगी. उसने पूरा लंड अंदर ले लिया था. अब मेरा ध्यान दरवाजे पर था और मैं उसके मुँह में धक्के मार रहा था. वो भी मस्त चूस रही थी बिना कुछ बोले.
मैंने उसके चुचे जो कि बाहर ही थे, उन्हें दोबारा दबाना चालू किया और करीब 4 या 5 मिनट बाद मैंने कहा- मैं झड़ने वाला हूँ.
तो उसने फटाक से मेरा लंड मुँह से बाहर निकाला और कहा- वहां कोने में गिरा दो.
मैंने कहा- लेकिन तब तक आप हिलाओ!
तो उसने अपने हाथ से मेरा लंड हिलाना चालू किया और मैं कुछ सेकंड मैं कोने में झड़ गया.
तो उसने फटाक से मेरा लंड मुँह से बाहर निकाला और कहा- वहां कोने में गिरा दो.
मैंने कहा- लेकिन तब तक आप हिलाओ!
तो उसने अपने हाथ से मेरा लंड हिलाना चालू किया और मैं कुछ सेकंड मैं कोने में झड़ गया.
अब मैम ने अपना ब्लाउज सही किया और साड़ी भी और मेरा काम करने लगी. दस मिनट में उसने मेरा काम खत्म कर दिया और मैं जाने लगा तब उसने कहा- अगर तुम्हारे पास बाइक है तो तुम मुझे बस स्टैंड तक छोड़ डोज?
तो इस पर मैंने हाँ कर दिया और साथ में हम नीचे आ गए.
तो इस पर मैंने हाँ कर दिया और साथ में हम नीचे आ गए.
नीचे आकर उसने चपरासी से कुछ बात की और हम निकल गए. अब वो मेरे पीछे एकदम चिपक के बैठी थी.
मैंने पूछा- मैम, मज़ा आया कि नहीं?
तो उसने कहा- हाँ!
और कहा- तुम चुत अच्छी चाटते हो! आज तक ऐसी कभी किसी ने नहीं चाटी मेरी!
मैंने पूछा- मैम, मज़ा आया कि नहीं?
तो उसने कहा- हाँ!
और कहा- तुम चुत अच्छी चाटते हो! आज तक ऐसी कभी किसी ने नहीं चाटी मेरी!
मैंने कहा- लेकिन मैम, मुझे आपकी चुत मारनी है!
तो उसने कहा- फिर कभी!
पर मैं जोर देने लगा तो वो तैयार हो गई. लेकिन उसने पूछा कि कोई रूम है क्या मेरे पास?
मैंने कहा- रूम तो नहीं है पर किसी सुनसान जगह पर चलते हैं.
तो उसने कहा- फिर कभी!
पर मैं जोर देने लगा तो वो तैयार हो गई. लेकिन उसने पूछा कि कोई रूम है क्या मेरे पास?
मैंने कहा- रूम तो नहीं है पर किसी सुनसान जगह पर चलते हैं.
तो उसने मना कर दिया मगर मैंने बाइक की रफ्तार बढ़ा दी और एक सुनसान जगह की ओर मोड़ दिया. थोड़ी देर में हम वहाँ पहुँच गए. और टाइम दोपहर के 2:30 बज रहे थे तो कोई था नहीं. मैंने बाइक को बंद किया और उसको उतरने को बोला. लेकिन वो मना करने लगी कि कोई देख लेगा.
लेकिन मैंने उसे उतार दिया और बाइक डबल स्टैंड पर लगा दिया.
लेकिन मैंने उसे उतार दिया और बाइक डबल स्टैंड पर लगा दिया.
अब मैं और वो दोनों बाइक के ऊपर बैठे थे मैंने उसे गले से पकड़ा और लिप किस करने लगा.
किस के बाद उसने कहा- फटाफट करना!
मैंने कहा- ठीक है मैम.
और अपनी पैन्ट की जिप खोल के लंड बाहर निकाल दिया और वापिस किस करने लगा.
किस के बाद उसने कहा- फटाफट करना!
मैंने कहा- ठीक है मैम.
और अपनी पैन्ट की जिप खोल के लंड बाहर निकाल दिया और वापिस किस करने लगा.
मैम भी अपने हाथ से लंड को सहलाने लगी. अब मैंने उसके ब्लाउज का एक बटन खोल दिया और ब्रा ऊपर कर के एक चूचा बाहर निकाल दिया और उससे खेलने लगा. उसने भी लंड हिलाकर एकदम टाइट कर दिया.
अब मैंने उसे बाइक से नीचे उतारकर घोड़ी बना दिया. मुझे याद था कि पेंटी तो उसके पर्स में थी तो मैंने पहले आजु बाजू देखा और लगा कि कोई है नहीं!
तो उसकी साड़ी ऊपर कर दी. वो बाइक के सहारे घोड़ी बनी हुई थी. मैंने पीछे से उसकी चुत को वापिस चाटना शुरू किया. थोड़ी देर में उसकी चुत गीली हो गई और मैं सारा रस पी गया पर मैंने चुत को चाटना चालू रखा. चुत चाटते टाइम मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद मैं डाल दी तो वो थोड़ी चिहुँक गई पर मैं उंगली मैडम की गांड में अंदर बाहर करने लगा और जीभ से चुत सहलाने लगा.
तो उसकी साड़ी ऊपर कर दी. वो बाइक के सहारे घोड़ी बनी हुई थी. मैंने पीछे से उसकी चुत को वापिस चाटना शुरू किया. थोड़ी देर में उसकी चुत गीली हो गई और मैं सारा रस पी गया पर मैंने चुत को चाटना चालू रखा. चुत चाटते टाइम मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद मैं डाल दी तो वो थोड़ी चिहुँक गई पर मैं उंगली मैडम की गांड में अंदर बाहर करने लगा और जीभ से चुत सहलाने लगा.
अब तक मैडम के अंदर से भी डर चला गया था तो वो भी एन्जॉय करने लगी और कहने लगी- और चाटो … पूरी जीभ डालकर चाटो.
मैं भी जोश में मस्त चाटने लगा.
मैं भी जोश में मस्त चाटने लगा.
तभी अचानक किसी वाहन के आने की आवाज हुई तो मैं तुरंत खड़ा हो गया और उसकी साड़ी नीचे कर दी और चूचा साड़ी के द्वारा ढक दिया और हम दोनों वापिस बाइक पर बैठ गए. लेकिन मेरा लंड बाहर था पर वो मुझसे सट कर बैठी थी तो किसी की नज़र में आने का चांस कम था और हम ऐसे ही बैठे रहे.
अब हम बाइक पे बैठे थे और देख रहे थे कि कौन आया है. हमने देखा कि कोई देहाती लोग जो दो लोग थे और वो बाइक लेके लकड़ियाँ काटने आये थे.
अब मैडम ने कहा- बहुत देर हो जाएगी इन लोगों को तो … अब हमें यहाँ से चलना चाहिए.
मैंने कहा- नहीं, थोड़ा वेट करेंगे, ये लोग लकड़ी लेके चले जायेंगे.
उसने कहा- नहीं, फिर कभी!
मैंने कहा- नहीं!
और मैं बैठा रहा और उसे भी बैठना पड़ा.
अब मैडम ने कहा- बहुत देर हो जाएगी इन लोगों को तो … अब हमें यहाँ से चलना चाहिए.
मैंने कहा- नहीं, थोड़ा वेट करेंगे, ये लोग लकड़ी लेके चले जायेंगे.
उसने कहा- नहीं, फिर कभी!
मैंने कहा- नहीं!
और मैं बैठा रहा और उसे भी बैठना पड़ा.
मैंने कहा- वो लोग जब तक ना जायें, तब तक लंड सहलाकर टाइट करो, बाद में सीधा चुत में डाल दूंगा तो टाइम बच जाएगा.
पर उसने मना किया और कहा- वो लोग देख लेंगे.
मैंने कहा- धीरे धीरे सहलाओ!
और लंड मैडम के हाथ में दे दिया. उसने भी साड़ी से मेरा लंड ढक दिया और हाथ अंदर डालकर सहलाने लगी. मैं भी धीरे धीरे करके उसके चुचे दबाने लगा.
पर उसने मना किया और कहा- वो लोग देख लेंगे.
मैंने कहा- धीरे धीरे सहलाओ!
और लंड मैडम के हाथ में दे दिया. उसने भी साड़ी से मेरा लंड ढक दिया और हाथ अंदर डालकर सहलाने लगी. मैं भी धीरे धीरे करके उसके चुचे दबाने लगा.
मैडम थोड़ा डर रही थी पर उसने उसका और मैंने अपना काम चालू रखा. मेरा लंड पुनः टाइट हो गया था और उसने कहा- अब क्या करेंगे?
मैंने कहा- ऐसे ही बैठ जाओ, कुछ करो मत.
मैंने कहा- ऐसे ही बैठ जाओ, कुछ करो मत.
हम करीब 15 मिनट बैठे रहे, तब तक लंड वापिस एकदम ढीला हो गया था. थोड़ी देर बाद वो देहाती लोग जाने लगे तब हमें थोड़ी राहत हुई.
अब उसने कहा- जल्दी चोदो मुझे!
मैंने कहा- उन लोगों को पूरी तरह जाने तो दो! कहीं वापिस आ गए तो पकड़े जाएंगे … तो उनसे भी चुदवाना पड़ेगा आपको.
इस पर वो बोली- ठीक है!
और थोड़ा वेट करने लगी.
अब उसने कहा- जल्दी चोदो मुझे!
मैंने कहा- उन लोगों को पूरी तरह जाने तो दो! कहीं वापिस आ गए तो पकड़े जाएंगे … तो उनसे भी चुदवाना पड़ेगा आपको.
इस पर वो बोली- ठीक है!
और थोड़ा वेट करने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अब सब ठीक है, वो चले गए हैं.
और मैंने अपना लंड उसे चूसने को बोला.
वो बाइक से उतर गई और घुटनों के सहारे बैठ गई, मैं खड़ा हो गया और लंड उसके मुँह के पास ले गया. उसने जल्दी से मुँह में लिया और चूसने लगी.
मैंने कहा- अपने होठों पर लिपस्टिक की तरह लंड को घुमाओ!
और मैंने अपना लंड उसे चूसने को बोला.
वो बाइक से उतर गई और घुटनों के सहारे बैठ गई, मैं खड़ा हो गया और लंड उसके मुँह के पास ले गया. उसने जल्दी से मुँह में लिया और चूसने लगी.
मैंने कहा- अपने होठों पर लिपस्टिक की तरह लंड को घुमाओ!
और उसने बड़े प्यार से लंड को अपने पूरे होंठों पर लिपस्टिक की तरह घुमाया और वापिस मुँह में ले लिया. वो मस्ती से मुँह में मेरा लंड लेकर चूस रही थी. लंड काफी तरह से टाइट हो चुका था. अब मैंने उसको खड़ा किया और बाइक पर झुका के वापिस घोड़ी बना दिया और उसकी साड़ी ऊपर कर दी. अब मैंने मैडम की चुत में अपनी दो उंगली डाल दी और उसकी चुत रगड़ने लगा.
उसे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं भी उंगली डालकर उसे चरमसीमा पर पहुँचा रहा था.
उसे बहुत मज़ा आ रहा था. मैं भी उंगली डालकर उसे चरमसीमा पर पहुँचा रहा था.
उसने कहा- अब उंगली से बस भी करो और अपना लंड डालो मेरे अंदर!
तब मैंने लंड को एक हाथ से पकड़ा और उसकी चुत के छेद पर लगा दिया और धक्का दे दिया. एक ही धक्के मैं पूरा लंड अंदर चला गया क्योंकि मैम की चुत ढीली थी और मेरा लंड भी उतना मोटा नहीं है.
तब मैंने लंड को एक हाथ से पकड़ा और उसकी चुत के छेद पर लगा दिया और धक्का दे दिया. एक ही धक्के मैं पूरा लंड अंदर चला गया क्योंकि मैम की चुत ढीली थी और मेरा लंड भी उतना मोटा नहीं है.
अब मैं चुत में लंड आगे पीछे करने लगा और अपनी रफ्तार बढ़ा दी. मैंने उसके बालों को पकड़ लिया और खींचने लगा. मैं उसकी गांड पे एक हाथ से थपथपाने लगा. अब वो भी उम्म्ह… अहह… हय… याह… करने लगी थी.
मैंने दो तीन मिनट तक ऐसे ही मैम को चोदा, उसके बाद अपना लंड बाहर निकाल दिया और उसे घुमाकर अपने सामने खड़ा कर दिया जिसे उसका मुँह मेरे सामने रहे. वापिस मैंने उसकी साड़ी उठाई और लंड को एक धक्के में चुत के अंदर डाल दिया. उसे खड़े रहने में प्रॉब्लम हो रही थी लेकिन मैंने उसके दोनों हाथों को बाइक की सीट पर रख दिया जिसे वो खड़ी भी रहे और मेरे झटके से संभल सके.
अब जानबूझकर मैं एकदम धीरे से करने लगा ताकि जितना हो सके ज़्यादा चोद सकूँ. कभी मैं धक्के बंद करके सिर्फ उसको किस करता, कभी उसके चुचे को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाता था. उसे भरपूर मज़ा आ रहा था तो वो मेरा मस्त साथ दे रही थी.
मैंने मैम से पूछा- कोई जल्दी तो नहीं है ना?
तो उसने कहा- नहीं … मज़ा आ रहा है! आराम से करो, बहुत दिन बाद ऐसा सुख मिला है.
मैंने मैम से पूछा- कोई जल्दी तो नहीं है ना?
तो उसने कहा- नहीं … मज़ा आ रहा है! आराम से करो, बहुत दिन बाद ऐसा सुख मिला है.
इतना सुनकर मैं जोश में आ गया और अपनी जीभ उसके मुँह में पूरी डालकर लिपकिस करने लगा और दोनों हाथों से उसके चुचों को दबाने लगा. लेकिन अभी तक मेरा लंड उसकी चुत के अंदर ही था और मैं झड़ने को आया था तो मैंने कहा- कहाँ निकालूँ?
उसने कहा- अंदर ही!
मैंने कहा- नहीं, मुझे मुँह में झड़ना है.
तो उसने कहा- नहीं, मुंह में नहीं लूंगी मैं!
उसने कहा- अंदर ही!
मैंने कहा- नहीं, मुझे मुँह में झड़ना है.
तो उसने कहा- नहीं, मुंह में नहीं लूंगी मैं!
लेकिन मैंने जोर दिया तो वो मान गई, मैंने अपना लंड मीम की चूत से बाहर निकाल लिया और उसने मुँह में ले लिया. उसने पाँच छह बार मुँह से लंड को आगे पीछे किया और मैं मैम के मुँह में झड़ गया. वो पानी की तरह सारा माल पी गई, एक बूंद भी बाहर आने नहीं दी.
अब उसे चुदवाने का भूत चढ़ा था तो वापिस एक बार उसने मेरे लंड को अपने मुँह से सहलाना शुरू किया और इस बार तो वो लंड के साथ साथ गोटे भी चूसने लगी. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था तो मैंने उसे खड़ा किया और वापिस एक बार घोड़ी बनाकर लंड उसकी चुत में पेल दिया और वो धक्के खाने लगी.
उसके मुँह से अब सिसकारी निकलने लगी थी और बोल रही थी- और जोर से चोदो मुझे! अपनी रंडी की तरह चोदो! बहुत दिनों बाद इतने लम्बे टाइम तक चोदने वाला मिला है, चोदो!
और मैं भी जंगली की तरह चोदने लगा.
उसके मुँह से अब सिसकारी निकलने लगी थी और बोल रही थी- और जोर से चोदो मुझे! अपनी रंडी की तरह चोदो! बहुत दिनों बाद इतने लम्बे टाइम तक चोदने वाला मिला है, चोदो!
और मैं भी जंगली की तरह चोदने लगा.
कुछ ही समय में मैं उसकी चुत मैं झड़ गया और हम निढाल हो गए. बाद मैं उसने उसके और मेरे कपड़े सही किये और हम घर की ओर चल दिये.
तो दोस्तो यह थी मेरी कहानी, आपको पसंद आएगी या नहीं ये मैं नहीं जानता. पर अपनी राय अपने इस दोस्त को बताना.
धन्यवाद.
sharmajig@protonmail.com
धन्यवाद.
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स्कूल टीचर के साथ सेक्स (School Teacher Ke Sath Sex)
Reviewed by Desi Girl
on
May 05, 2019
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